यूँ ही एक मुस्कुराहट कल
चेहरे पे आ रुकी थी
रास्ते थे जब धुंदले धुंदले
सांस थी जब धीमी धीमी
सपनो से खेलते खेलते
पलकों में वो बसी थी
थामा जो तूने हात था
गाया जो तूने गीत था
चाहतों की गलियों से
मेरे दिल से वो जुडी थी
तेरी यादों से घिरी
तेरी दमन से लिपटी
ईक फूल बनके जैसे
मेरा साज बन गयी थी
तेरे शहर को छोड़े
ज़माना हो गया था
फिर सीने के दरिया से
क्यू दीवानगी हो रही थी
यूँ ही एक मुस्कुराहट कल
चेहरे पे आ रुकी थी
एक अफ़साना बनके
फिर आंसू से जा मिली थी
चेहरे पे आ रुकी थी
रास्ते थे जब धुंदले धुंदले
सांस थी जब धीमी धीमी
सपनो से खेलते खेलते
पलकों में वो बसी थी
थामा जो तूने हात था
गाया जो तूने गीत था
चाहतों की गलियों से
मेरे दिल से वो जुडी थी
तेरी यादों से घिरी
तेरी दमन से लिपटी
ईक फूल बनके जैसे
मेरा साज बन गयी थी
तेरे शहर को छोड़े
ज़माना हो गया था
फिर सीने के दरिया से
क्यू दीवानगी हो रही थी
यूँ ही एक मुस्कुराहट कल
चेहरे पे आ रुकी थी
एक अफ़साना बनके
फिर आंसू से जा मिली थी